द्रौपदी अगले जन्म में किसकी पत्नी बनना चाहती थीं? जानें
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महाभारत में कई ऐसे पात्र हुए, जिनकी बारे में आज भी पहेली बनी हुई है। ऐसी ही एक पहेली द्रौपदी को लेकर भी है।
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द्रौपदी पांडवों की पत्नी थी। दरअसल, द्रौपदी को अर्जुन ने स्वयंवर में जीता था। अर्जुन, जब द्रौपदी को लेकर आए, तो कुंती के आदेशों के अनुसार द्रौपदी को पांचों पांडवों की पत्नी बननी पड़ा था।
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पांचों पांडवों की पत्नी होने की वजह से ही द्रौपदी को 'पांचाली' के नाम से आज भी जाना जाता है।
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ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के अनुसार, 'जब द्रौपदी अपने अंतिम समय में थी, तब उन्होंने भगवान कृष्ण से ये आशीर्वाद मागा था कि अगर उनको अगला जन्म मिले, तो वह केवल 'भीम' की ही पत्नी बनना चाहेगी।'
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द्रौपदी की इस बात से जुड़ी कई सारी कहानियां हैं, जिसे ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया है।
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वनवास के समय में द्रौपदी पर कोई भी संकट आता था, तो भीम ही थे, जो सबसे पहले उनकी रक्षा के लिए आगे आते और राक्षसों का संहार करते थे।
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युधिष्ठिर और दुर्योधन के जुआ में जब युधिष्ठिर द्रौपदी को हार गए थे, तब सबसे पहले भीम ही थे, जो इस बात का विरोध किए थे और अपने ज्येष्ठ भ्राता के खिलाफ चले गए थे।
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एक कहानी यह भी है कि जब द्रौपदी ने यह प्रतिज्ञा ली कि वह अपने बालों को तब बांधेंगी, जब वह दुर्योधन और दुशासन के रक्त से अपने बालों को धोएंगी नहीं।
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द्रौपदी के इस प्रण को पूरा करने के लिए भीम ने भी प्रतिज्ञा की थी। वही थे, दुशासन का वध जरूर करेंगे।
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भीम ही थे, जिन्होंने दुशासन का सीना चीर कर वध किया और खून निकाल कर द्रौपदी के केश धूलवाए।
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