नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके नाम से बनी फाउंडेशन ने यह जानकारी दी। मोहम्मदी को उत्तर-पूर्वी शहर मशहद में उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह एक दिवंगत मानवाधिकार वकील की स्मृति सभा में शामिल हुई थीं। उनकी गिरफ्तारी के बाद, नोबेल कमेटी ने एक्टिविस्ट की सुरक्षा और रिहाई को लेकर ईरान को घेरा है और कड़े सवाल पूछे हैं।
बताया गया है कि एक स्थानीय अधिकारी ने गिरफ्तारियों की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने विशेष रूप से $53$ वर्षीय मोहम्मदी का नाम नहीं लिया। इससे पहले, मोहम्मदी साल $2024$ के संबर में मेडिकल ग्राउंड्स पर जेल से बाहर आई थीं।
नोर्वेजियन नोबेल कमेटी ने पूछा सवाल
नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने मोहम्मदी की गिरफ्तारी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है। कमेटी ने नरगिस मोहम्मदी को $2023$ की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बताया, जो "ईरान में मानवाधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक भागीदारी की एक सशक्त समर्थक हैं।"
कमेटी ने ईरानी अधिकारियों से तत्काल मांग की है:
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तुरंत यह साफ करें कि मोहम्मदी कहाँ हैं।
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उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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नोबेल विजेता नरगिस मोहम्मदी को बिना किसी शर्त के रिहा करें।
कमेटी ने यह भी कहा कि वह मोहम्मदी और ईरान में मानवाधिकारों, कानून के शासन और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए शांतिपूर्ण ढंग से काम करने वाले सभी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करती है। हालांकि, अभी तक नरगिस मोहम्मदी को लेकर ईरान की सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
स्मृति सभा में गिरफ्तारी
मोहम्मदी के समर्थकों का कहना है कि स्मृति सभा के दौरान सुरक्षा बलों और पुलिस ने मोहम्मदी को बलपूर्वक गिरफ्तार किया। यह समारोह $46$ वर्षीय वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता खोसरो अलीकोर्दी की याद में आयोजित किया गया था।
समर्थकों की ओर से शेयर किए गए वीडियो में मोहम्मदी को बिना हिजाब के भीड़ को संबोधित करते हुए और नारे लगवाते हुए देखा गया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इन गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए इसे बुनियादी स्वतंत्रताओं पर हमला बताया। मशहद के गवर्नर ने कहा कि अभियोजकों ने कुछ प्रतिभागियों की अस्थायी हिरासत का आदेश दिया, क्योंकि उनके अनुसार वहाँ अनुचित नारे लगाए गए थे।
13 बार गिरफ्तार हो चुकी हैं मोहम्मदी
मोहम्मदी, जो $2022$ में महसा अमीनी की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों की मुखर समर्थक रही हैं, अब तक $13$ बार गिरफ्तार हो चुकी हैं और उन्हें कुल मिलाकर $3$ दशकों से अधिक की सजाएँ सुनाई जा चुकी हैं।
जेल में रहते हुए उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था। डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि पर्याप्त इलाज के बिना उन्हें दोबारा जेल भेजना उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से खतरनाक हो सकता है। उनकी हालिया कैद $2021$ में शुरू हुई थी, जब उन्होंने देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों से जुड़े एक और स्मृति कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।