महाराष्ट्र सरकार अब ट्रैफिक कानूनों के उल्लंघन पर काटे गए चालानों से जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। अक्सर यह देखा जाता है कि चालान काटे जाने के बावजूद गाड़ी मालिक समय पर जुर्माना नहीं भरते, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान होता है और कानून का उल्लंघन करने वालों पर सही दबाव नहीं बन पाता।
बुधवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस नई कवायद की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में अब केवल विशेष रूप से अधिकृत ट्रैफिक पुलिसकर्मी ही सड़क पर नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए चालान जारी कर सकेंगे। इस बदलाव को लागू करने के लिए, ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को बॉडी-वर्न कैमरे (Body-Worn Cameras - BWC) दिए जाएंगे, और गोवा पुलिस की तर्ज पर सिर्फ BWC से लैस पुलिसकर्मी ही चालान जारी करने के लिए अधिकृत होंगे।
BWC का चरणबद्ध क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए BWC को बड़े शहरों से शुरू करके चरणों में लागू किया जाएगा। यह कदम न केवल चालान जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि ट्रैफिक पुलिस के व्यवहार को भी अधिक जवाबदेह बनाएगा। BWC फुटेज नियमों के उल्लंघन का स्पष्ट और अचूक प्रमाण प्रदान करेगा, जिससे किसी भी विवाद की गुंजाइश कम हो जाएगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए एक नई ट्रैफिक पॉलिसी भी लाई जाएगी।
निजी फोन पर चालान काटने पर आपत्ति
यह घोषणा विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई MLCs द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में आई। MLCs (जिनमें सुनील शिंदे, शशिकांत शिंदे, सतेज पाटिल, सचिन अहिर, अनिल परब और भाई जगताप सिंह शामिल थे) ने ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा ई-चालान जारी करने के लिए निजी फोन इस्तेमाल करने पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई थी। निजी उपकरणों का उपयोग न केवल डेटा सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि रिकॉर्ड की विश्वसनीयता पर भी संदेह पैदा करता है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस आपत्ति को स्वीकार करते हुए गोवा मॉडल के आधार पर BWC का उपयोग अनिवार्य करने की बात कही, जिससे चालान काटने की प्रक्रिया में एकरूपता और आधिकारिक विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।
6 महीने में रिकवरी का सिस्टम
जुर्माने की राशि की वसूली में होने वाली देरी को दूर करने के लिए भी एक ठोस योजना बनाई जा रही है। सीएम फडणवीस ने कहा कि चालान जारी होने के बाद 6 महीने के अंदर जुर्माना वसूलने के लिए एक नया और प्रभावी सिस्टम तैयार किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था का लक्ष्य चालान की रिकवरी दर को बढ़ाना, लंबे समय से लंबित बकाया राशि को वसूलना और ट्रैफिक कानूनों के उल्लंघन के प्रति अधिक कठोर रवैया अपनाना है। यह सुनिश्चित करेगा कि चालान सिर्फ कागजी कार्रवाई न बनकर, उल्लंघनकर्ताओं के लिए एक वास्तविक दंड बन सके।